



रायबरेली,नवसत्ता:ज़िला प्रशासन की चूक से महिला शिक्षिकायें दहशत मे हैं।दरअसल आज शिक्षकों की चुनावी लिस्ट जारी हुई है।महिला शिक्षिकाओं ने जब लिस्ट देखी तो उनके पांव के नीचे से ज़मीन सरक गई।महिला शिक्षिकाओं को जारी लिस्ट में पीठासीन अधिकारी बनाये जाने के साथ ही दूरदराज़ के गांव में ड्यूटी लगा दी गई।

पीठासीन अधिकारी होने के नाते उन्हें मतदान स्थल पर ही रात बितानी होगी।महिलाएं इसी बात को लेकर चिन्तित हैं कि रात में अगर वह मतदान स्थल पर रुकती हैं तो सुरक्षा का सवाल है।वहीं अगर मौजूदा प्रधान या किसी प्रत्याशी के घर पर रुकेंगी तो चुनाव में अनुचित लाभ लिया जा सकता है।इसी से चिंतित महिला शिक्षिकायें शिक्षक नेता

वीरेंद्र सिंह की अगुवाई में सीडीओ से मिलने के लिए उनके कार्यालय पहुंची थीं।यहां सीडीओ अभिषेक गोयल ने मिलने की जहमत गवारा नहीं कि बल्कि क्लेरिकल स्टाफ ने यह कह कर टरका दिया कि सॉफ्टवेयर में महिला पुरुष का ऑप्शन ही नहीं है लेहाज़ा उसमे फीड की गई जानकारी ऑटो मोड में जाकर ड्यूटी लिस्ट निकाल देता है।इतना ही नहीं,पूर्व में कहा गया था कि यदि पति पत्नी दोनों शिक्षक हैं तो किसी एक कि ही ड्यूटी लगेगी लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया।इस बाबत सीडीओ अभिषेक गोयल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है।इसे देखते हैं कि क्या हो सकता है।सीडीओ ने यह कह कर अपनी जान तो छुड़ा ली लेकिन जिन शिक्षिकाओं की ट्रेनिंग 6 अप्रैल से है वह असमंजस में हैं कि करें तो क्या करें।